रतन टाटा का नाम कौन नहीं जनता ? लेकिन क्या आप जानते हैं रतन को रतन टाटा बनने के लिए क्या क्या करना पड़ा ? रतन टाटा एक खुद्दार किस्म के सच्चे हिंदुस्तानी हैं। उन्होंने होटल में बर्तन साफ़ करने से लेकर और भी बहुत से छोटे मोटे कार्य अपने जीवन में किये है तब जाकर वो आज हमारे सामने रतन टाटा के रूप में हैं।
रतन टाटा कहते हैं -
"लोहे को कोई भी वस्तु समाप्त नहीं कर सकती लेकिन उसकी खुद की जंग ही उसका अस्तित्व समाप्त कर देती है। "
आज मैं आपके साथ कुछ वो ही चर्चा करने वाला हूँ जो आपकी सफलता के रस्ते में रोड़ा बनकर खड़े हो गए हैं।
शायद ही कोई इन्सान हो जो अपने जीवन में सफलता को पाना नहीं चाहता हो। कुछ लोगों को ये कहते हए भी सुना होगा की हम मेहनत तो खूब करते हैं लेकिन न जाने हम सफल क्यों नहीं हो पाते।
या फिर कुछ लोग सिस्टम को ,समाज को ,परम्पराओं को भी कोसने लगते हैं। लेकिन ये सब हताशा का ही प्रदर्शन है। वास्तव में हम अपनी मूल गलतियों को या तो जानते नहीं हैं या फिर जानकर भी हम उस पथ पर चलने के लिए बहाने बना कर टालमटोल करते हुए वो रास्ता इख्तियार कर लेते हैं जो हमें शारीरिक और मानसिक सुकून देता है। घर ,परिवार व् अन्य लोगों को लगता है की आप बहुत मेहनत कर रहे हैं।
आज में सिर्फ आपको चेतावनी के साथ ये कहने आया हूँ कि सबसे घातक स्थिति वो होती है जब व्यक्ति खुद को ही भ्रमित करके सफल होने के संगीन सपने देखने लगे।
मित्रों , अगर आप सफलता की सीढ़ी या वे कारगर विधियां जानना चाहते हैं जिनको यदि आपने अपना लिया तो फिर नीचे कमेन्ट करके बताएं ताकि मैं आपके साथ बहुत ही विस्तृत रूप से उन तमाम बिंदुओं पर चर्चा करूँ और आपको सफलता के सूत्र बताऊँ। आप मुझे मेरे
आप मुझे मेरी इस मेल पर भी सूचित कर सकते हैं
Wednesday, April 13, 2022
सफलता के सूत्र
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
Right to information Transparency, accountability, sensitivity and accountability are the components that set the ideal paradigm for t...
-
1.Introduction Human capital is an important determinant of technological progress and economic growth of a country...
-
पहले वाले ब्लॉग में आपने पढ़ा होगा-सफलता प्राप्ति हेतु बुनियादी तौर पर क्या करना अनिवार्य है। यदि आप मेरी उन बातों से सहमत हैं...
No comments:
Post a Comment